उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य Uttar Pradesh Ka Lok Nritya

इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य (Uttar Pradesh Ka Lok Nritya) के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करवायी गयी है।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालेप्रिया अभ्यर्थियों आप लोगों के लिए उत्तर प्रदेश लोक नृत्य (Uttar Pradesh Loknrity) की पूरी जानकारी के साथ या पोस्ट समर्पित है। आप इसे अंतिम लाइन तक पढ़े और पोस्ट के आखिर में कमेंट करके बताएं कि आज का पोस्ट आपको कैसा लगा

उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य

प्रदेश के प्रत्येक अंचल में लोकगीतों में भिन्नता के साथ ही लोक नृत्य में भी भिन्नता मिलती है। प्रमुख लोक नृत्य इस प्रकार से हैं जो आपके प्रतियोगी परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है।

प्रश्न कीर्तन नृत्य कहाँ का नृत्य है?

कीर्तन नृत्य उत्तर प्रदेश में ब्रज क्षेत्र के गौणीय परम्परा के लोगों का है।
कीर्तन नृत्य

ब्रज क्षेत्र में गोणीय परंपरा के भक्त लोग मृदंग हारमोनियम एवं मजीरे की धुन पर हरि नाम का कीर्तन करते हुए नृत्य करते हैं।

प्रश्न: रासनृत्य कहाँ का नृत्य है?

उत्तर: रासनृत्य उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में रासलीला करते समय किया जाता है।

रास नृत्य

यह नृत्य ब्रज क्षेत्र में रासलीला के दौरान किया जाता है। रासक दंड नृत्य भी इस क्षेत्र का एक रोचक नृत्य है

उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य

झूला नृत्य कहाँ से सम्बन्धित है?

झूला नृत्य

यह भी ब्रज क्षेत्र का नृत्य है जिसका आयोजन श्रावण मास में किया जाता है। इस नृत्य को मंदिरों में भी किया जाता है।

मयूर नृत्य कहाँ का नृत्य है?

मयूर नृत्य

यह नृत्य भी ब्रज क्षेत्र में किया जाता है। इसमें नृत्य के दौरान मोर के पंख से बने विशेष वस्त्र धारण किए जाते हैं।

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नरसिंह नृत्य

ब्रज क्षेत्र में नरसिंह चतुर्दशी को नरसिंह नाट्य नृत्य का आयोजन किया जाता है।

इस नृत्य में नरसिंह भगवान द्वारा हिरण कश्यप दैत्य के और श्री राम जी के सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न द्वारा लवणासुर दैत्य के बध का प्रदर्शन किया जाता है।

चरकुला नृत्य

प्रश्न: चरकुला नृत्य कहाँ का नृत्य है?
उत्तर: चरकुला नृत्य ब्रज क्षेत्र में यह नृत्य होली के आसपास होता है। इसमें महिलाएं 108 दीपकों का चरकुला यानी पिंजरा सर पर रखकर नृत्य करती है।

घड़ा नृत्य किस प्रदेश का है?

यह  नृत्य उत्तर प्रदेश का है।

घड़ा नृत्य

ब्रज क्षेत्र के लोगों द्वारा किए जाने वाले इस नृत्य में बैलगाड़ी अथवा रथ के पहिए पर अनेक घड़े रखे जाते हैं। फिर उसे सिर पर रखकर नृत्य किया जाता है।

ख्याल नृत्य किस उपलक्ष में किया जाता है?

ख्याल नृत्य

पुत्र जन्मोत्सव पर ख्याल नृत्य किया जाता है। इसके अंतर्गत रंगीन कागजों तथा बाँसों की सहायता से मंदिर बनाकर फिर उसे सिर पर रखकर नृत्य किया जाता है।

घोड़ा नृत्य किस क्षेत्र का नृत्य है?

घोड़ा नृत्य

यह नृत्य बुंदेलखंड क्षेत्र में मांगलिक अवसर पर बाजों की धुन पर घोड़ा द्वारा कराया जाता है।

देवी नृत्य कहाँ का नृत्य है?

देवी नृत्य

यह नृत्य अधिकांशतः तक बुंदेलखंड क्षेत्र में ही प्रचलित है। इस लोक नृत्य में एक नर्तक देवी का स्वरूप धर कर अन्य नर्तकों के सामने खड़ा रहता है तथा उसके सम्मुख शेष सभी नर्तक नृत्य करते हैं।

राई नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध नृत्य है?

राई नृत्य

यह नृत्य बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा मांगलिक अवसर पर जन्माष्टमी आदि उत्सवों पर किया जाता है। इस नृत्य के गीत श्रृंगार परक होते हैं।

पाई डण्डा नृत्य कहाँ का नृत्य है?

पाई डंडा बुंदेलखंड के अहीर समाज का यह एक प्रचलित पारंपरिक नृत्य है। इसे बुंदेलखंड का डांडिया भी कहा जाता है। इसमें नर्तक पारंपरिक परिधान में माथे पर मोर पंख और पट्टी तथा पैरों में घुंघरू बांधे एक दूसरे पर डंडे का प्रहार करते हुए नृत्य करते हैं।

कानरा नृत्य

कानरा नृत्य कहाँ का नृत्य है?

बुंदेलखंड के धोबी समाज की स्त्री पुरुषों द्वारा विवाह उत्सव पर नृत्य किया जाता है।

दिवारी मौनिया या बरेदी नृत्य
दिवारी नृत्य कहाँ का नृत्य है?

उत्तर प्रदेश के ब्रज की लठमार होली की तरह बुंदेलखंड क्षेत्र में दीपावली के अवसर पर पूरी रात ढोल नगाड़े की धुन पर दिवारी गीत का गायन करते हुए यादव समाज के लोग विशेष वेशभूषा में पैरों में व कमर में घुंघरू बांध कर मजबूत लाठियां का एक दूसरे पर प्रहार करते हुए दीवारी नृत्य करते हैं। दीपावली के बाद भी कई दिनों तक यह नृत्य किया जाता है।

इस नृत्य में गोवंश के संरक्षण संवर्धन व सुरक्षा का भाव निहित है।

धोबिया नृत्य कहाँ का लोकप्रिय नृत्य है?

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उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय नृत्य

धोबिया नृत्य

विवाह व संतान उत्पत्ति पर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में यह धोबी समुदाय द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। इसमें नृत्य के माध्यम से धोबी व गधे के संबंधों की जानकारी प्राप्त होती है।

कठघोड़वा नृत्य कब किया जाता है?

कठघोड़वा नृत्य

पूर्वांचल में मांगलिक अवसर पर किया जाता है। इसमें एक नर्तक अपने नाटकों के घेरे के अंदर कृत्रिम घोड़ी पर बैठकर नृत्य करता है।

कहरउवा नृत्य कहाँ का लोकप्रिय नृत्य है?

कहरउंवा नृत्य

कहरवा नृत्य उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में यह नृत्य आने का शुभ अवसरों पर विशेष रूप से कहार समाज के लोगों द्वारा किया जाता है।

गोड़उ नृत्य

प्रहसन प्रधान गोड़उ नृत्य पूर्वांचल क्षेत्र का एक प्रसिद्ध नृत्य है। इसमें बीच-बीच में ‘हरबोल’ बोला जाता है।

नकटौरा कहा का प्रसिद्ध नृत्य है?

नकटौरा नृत्य

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल में लड़कों के विवाह वाले घरों में बारात जाने के बाद उन घरों की महिलाओं द्वारा पुरुषों का वेश धारण कर रात भर हास परिहास युक्त नाटक व नृत्य किया जाता है।

नटवरी नृत्य कहाँ का नृत्य है?

नटवरी नृत्य

यह नृत्य उत्तर प्रदेश के पूर्वाँचल में यादव लोंगों द्वारा किया जाता है। यह नृत्य गीत व नक्कारे के सुरों पर किया जाता है।

नटवा नृत्य कहाँ का लोकप्रिय नृत्य है?

नटुवा नृत्य

पूर्वांचल में नटुवा समाज के लोग द्वार-द्वार जाकर यह नृत्य करते हैं और बदले में अन्न, वस्त्र व पैसे आदि प्राप्त करते हैं।

विदेशिया नृत्य किस राज्य से सम्बन्धित है?

विदेशिया नृत्य

यह उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का एक नाट्य प्रधान नृत्य है। इसमें विदेश जाते समय या विदेश चले गए पति के साथ पत्नी की भोजपुरी बोली में करुण व प्रणय वार्ता के दृश्य प्रदर्शित किए जाते हैं।

जोगिनी नृत्य कहाँ व किस राज्य का नृत्य है?

जोगिनी नृत्य

इस नृत्य को उत्तर प्रदेश में अवध क्षेत्र में विशेष कर रामनवमी के त्योहार पर किया जाता है। इसके अंतर्गत साधु या कोई अन्य पुरुष महिला का रूप धारण करके नृत्य करते है।

फरुहाई नृत्य किस राज्य से सम्बन्धित है?

फरवाही नृत्य उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र के अहीर समाज का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। लाठी डंडों के साथ पैरों में घुंघरू बांधकर वाद्य यंत्रों की धुन पर यह नृत्य किया जाता है।

ढेढ़िया नृत्य किस राज्य का नृत्य है?

ढेढिया नृत्य

उत्तर प्रदेश में यह अवध क्षेत्र का प्रसिद्ध नृत्य है। राम के लंका विजय के बाद वापस आने पर स्वागत स्वरुप यह नृत्य किया जाता है। इसमें क्षेत्र युक्त मिट्टी के बर्तन में दीपक जलाकर उसे सिर पर रखकर किया जाता है।

शैला नृत्य किस राज्य का नृत्य है?

शैला नृत्य

सोनभद्र मिर्जापुर के आदिम समाज के युवक कुछ प्रमुख अवसरों पर पैर में घुंघरू कमर में मोर पंख और हाथ में डण्डा लेकर नृत्य करते हैं।

करमा नृत्य किस राज्य व क्षेत्र का है?

करमा नृत्य

सोनभद्र मिर्जापुर के करवार आदि आदिवासी लोगों द्वारा खरीफ फसल बोने के बाद वह होली के अवसर पर यह नृत्य किया जाता है। यह पुरुषार्थ व पर्यावरण का प्रतीक नृत्य है।

ठडिया नृत्य कहाँ का नृत्य है?

ठडिया नृत्य

सोनभद्र आदि जिलों में संतान की कामना पूरी होने पर यह नृत्य सरस्वती के चरणों में समर्पित होकर किया जाता है।

चौलर नृत्य कहाँ का है?

चौलर नृत्य

मिर्जापुर सोनभद्र आदि जिलों में यह नृत्य अच्छी वर्षा व फसल के लिए किया जाता है।

ढरकहरी नृत्य किस क्षेत्र व राज्य से सम्बन्धित है?

ढरकहरी नृत्य

यह नृत्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जनजातियों द्वारा किया जाता है। इसमें जानवरों के सींग लगे वाद्य यंत्रों को बजाकर नृत्य किया जाता है।

उपर्युक्त पोस्ट आपको कैसा लगा कमेन्ट में जरुर बताइयेगा।

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