दोस्तों आज के इस पोस्ट में Nyaypalika Karypalika Vidhanpalika Kya Hai इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे और अन्य टापिक से सम्बन्धित प्रश्नोत्तर भी देंगे। आपको यह जानकारी पूरे सटीकता के साथ दी गयी है।
Nyaypalika Karypalika Vidhanpalika Kya Hai
प्रश्न 1. श्रीलंका की जातीय संरचना के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर: श्रीलंका देश एक द्वीपीय देश है जो भारत के दक्षिण तट पर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी आबादी करीब दो करोड़ के लगभग है अर्थात हरियाणा के बराबर । बेल्जियम की ही भाँति यहाँ की कई जातीय समूहों के लोग रहते हैं। देश की आबादी का कोई 74% भाग सिंहलियों का है जबकि कोई 18% लोग तमिल है। बाकी भाग अन्य छोटे – छोटे जातीय समूहों, जैसे – ईसाइयों और मुसलमानों का है।
श्रीलंका के उत्तर और पूर्वी भागों मे तमिल लोगो संख्या अधिक है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में सिंहली लोग बहुसंख्या में हैं। यदि श्रीलंका के लोग चाहते तो वे भी बेल्जियम की की तरह अपनी जातीय मसले का कोई उचित हल निकाल सकते थे, परन्तु वहाँ के बहुसंख्यक समुदाय अर्थात सिंहलियों ने अपने बहुसंख्यकवाद को दूसरों पर थोपने का प्रयत्न किया, जिसमें वहाँ गृह युद्ध (Civil War) शुरु हो गया जो आज तक थमने का नाम नहीं लेता ।
प्रश्न 2. सत्ता की साक्षेदारी का विचार क्यों आया ?
उत्तर: – अविभाजित राजनीतिक सत्ता के विरोध में सत्ता के विभाजन का विचार उत्पन्न हुआ । एक लम्बे समय तक यह विश्वास किया जाता था । राजनीति सत्ता किसी एक व्यक्ति या वर्ग विशेष के हाथों में रहनी चाहिए । यह महसूस किया गया कि यदि निर्णय लेने की शक्ति जगह – जगह बँट जाएगी तो निर्णय शीघ्रता से नहीं लिए जा सकेंगे और न ही लागू हो सकेंगे । लेकिन लोकतन्त्र के उदय के साथ ही ये विश्वास खत्म हो गए।
प्रश्न 3. लोकतन्त्र का मुख्य सिद्धान्त क्या हैं?
उत्तर: i) पहला मौलिक सिद्धान्त है कि पूरी राजनीतिक सत्ता नागरिकों में निहित होती हैं।
ii) लोकतन्त्र में लोग आत्मशासन की संस्थाओं के माध्य से स्वयं शासन करते हैं।
iii) समाज के विभिन्न वर्गों एवं विचारों का सम्मान किया जाता हैं।
iv) सार्वजनिक नीतियों के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति का एक मत होता है।
प्रश्न 4. श्रीलंका और बेल्जियम में सत्ता की साझेदारी में क्या समानताएँ और विभिन्नताएँ हैं?
उत्तर: समानताएँ – दोनों देश लोकतांत्रिक हैं और दोनों जातीय विभिन्नताओं वाले समुदाय हैं।
अन्तर :- i) बेल्जियम के नेताओं को लगा कि विभिन्न समुदाय और क्षेत्रों की भावनाओं का आदर करने पर ही देश की एकता सम्भव हैं।ऐसा अनुभव करते हुए दोनों पक्ष सत्ता में साक्षेदारी करने पर सहमत हुए।
ii) श्रीलंका में ठीक उल्टा रास्ता अपनाया गया।
इससे यह पता चलता है कि अगर बहुसंख्यक समुदाय दूसरों पर प्रभुत्व कायम करने और सत्ता में उनको हिस्सेदारी न बनाने का फैसला करता हैं । इससे देश की एकता ही संकट में पड़ सकती है।
प्रश्न 5. श्रीलंका तमिल अलगाव क्यों महसूस कर रहे थे?
अथवा
श्रीलंका में सत्ता की साझेदारी पर एक नोट लिखिए।
श्रीलंका तमिलों की नाराजगी बढ़ने के कारण लिखिए।
उत्तर :- श्रीलंका सन् 1948 में एक स्वतन्त्र राज्य के रुप में सामने आया। बहुसंख्यक सिंहाला (Sinhala) समुदाय के लोगों ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहा और अल्पसंख्यक तमिल (Tamil) लोगों की उपेक्षा करनी शुरु कर दी। सन् 1956 में एक कानून बनाया गया, जिसके अनुसार तमिल भाषा को नजरअंदाज करते हुए ‘सिंहली’ को राजभाषा घोषित कर दिया गया।
सरकारी नौकरियाँ तथा विश्वविद्यालयों में भी ‘सिंहली’ लोगों को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई गई। संविधान में यह व्यवस्था की गई कि सरकार बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने की नीति अपनाएगी।
इन प्रावधानों के परिणामस्वरुप ‘सिंहला ’ तथा तमिल समुदायों के बीच सम्बन्ध बिगड़ते चले गए । अन्त तमिल द्वारा अपने राजनीतिक दल बनाए गए और तमिल को राजभाषा बनाने , तमिलों को सरकारी नौकरियों में उचित स्थान देन तथा स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए संघर्ष आरम्भ कर दिया । इस गृय युद्ध में दोनो समूहों क हजारों लोग मारे जा चुके थे और उनके परिवार देश छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों में जाकर बस गए थे। आज भी वहाँ पर यही स्थिति जारी है और ‘सिंहली’ लोग अपने बहुमत के आधार पर सत्ता में भागीदारी देने के लिए तैयार थे।
प्रश्न 6. सरकार के अलग – अलग अंग कौन से हैं ?
उत्तर: राजनीतिक व्यवस्था में सत्ता की साक्षेदारी का मुख्य पहलू है सत्ता का सरकार के अलग- अलग अंगो में विभाजन । इसलिए ही सरकार की शक्तियों का तीन अलग-अलग अंगो में विभाजन किया गया है।
i) विधानपालिका – विधानपालिका सरकार का पहला अंग है जो देश के लिए कानून का निर्माण करता है। संसद तथा राज्य विधानपालिकायें इसमें सम्मिलित होती हैं । यह अलग –अलग मुद्दों पर बातचीत करते हैं , देश के लिए कानून बनाते हैं तथा सरकार को चलाते हैं इसके सदस्य संसद सदस्य (M.P.’s) तथा राज्य विधान मण्डल के सदस्य (MLA’s) होते हैं।
ii) कार्यपालिका – कार्यपालिका सरकार का दूसरा अंग हैं जोकि विधानपालिका द्वारा बनाए गए कानूनों को देश में लागू करता हैं । नौकरशाही अलग-अलग अधिकारी , चपरासी , क्लर्क आदि इस अंग में सम्मिलित होते हैं। यह देश के कानूनों को लागू करते हैं।
iii) न्यापालिका – न्यायपालिका सरकार का तीसरा तथा अन्तिम अंग है न्यायपालिका अर्थात हमारे न्यायालय तथा न्यायाधीश । यह विधानपालिका द्वारा बनाए कानूनों का प्रयोग करते हैं तथा कार्यपालिका को उसके द्वारा दिए गए फैसलें को लागू करने का आदेश देते हैं। न्यायापालिका को देश के संविधान का रखवाला भी कहा जाता है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बेल्जियम के संविधान मॉडल की कुछ बातों का वर्णन कीजिए।
अथवा
बेल्जियम मॉडल की मुख्य बातें लिखिए।
अथवा
बेल्जियम में शक्ति की साझेदारी के लिए की गयी व्यवस्था पर एक निबन्ध लिखें।
उत्तर: बेल्जियम यूरोप में एक छोटा –सा देश है जिसकी कुल जनसंख्या लगभग एक करोड़ है, परन्तु इस छोटे – से देश की जातीय अवस्था बहुत ही अजीब है। देश की कुल आबादी का 59 प्रतिशत भाग ‘फ्लेमिश’ (Flamish) क्षेत्र में रहता हैं ये ‘डच’ (Dutch) भाषा बोलता है । 40 प्रतिशत लोग फ्रेंच भाषा बोलते हैं और शेष एक प्रतिशत लोग जर्मन भाषा बोलते हैं । देश की राजधानी ब्रूसलेस (Brussels) में 80 प्रतिशत लोग फ्रेंच भाषा बोलते हैं, जबकि ‘डच’ भाषा बोलने वाले केवल 20 प्रतिशत हैं।
(Nyaypalika Karypalika Vidhanpalika Kya Hai)
ऐसी स्थिति में दो बड़ें भाषाई समूहों के बीच तनाव का रहना स्वाभाविक था, परन्तु वहाँ के नेताओं ने इस क्षेत्रीय तथा सांस्कृतिक विविधताओं को स्वीकार करते हुए सत्ता में साझेदारी करने का रास्ता अपनाया, इस उद्देश्य से उन्होंने सन् 1970 तथा 1993 के बीच चार बार अपने संविधान में संशोधन किया ताकि देश के सभी लोग एक दूसरें के साथ मिल – जुलकर रह सके। बेल्जियम के इस समझौते (Agreement) की कुछ मुख्य बाते निम्नलिखित हैं-
i) संविधान में यह व्यवस्था है कि केन्द्रीय सरकार में डच तथा फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान रहेगी, ऐसी व्यवस्था में किसी एक समुदाय के लोग अपने पक्ष में एक – तरफा फैसला नहीं कर सकेंगे।
ii) केन्द्रीय सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों को दे दी गई । क्षेत्रीय सरकारें केन्द्रीय सरकार के अधीन नहीं है।
iii) केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के अतिरिक्त वहाँ एक तीसरे स्तर की सरकार भी कार्य करती है। जिसे समुदायिक सरकार (Community Government) कहा जाता है ।इस सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं। डच, फ्रेंच तथा जर्मन बोलने वाले समुदायों के लोग , चाहे वे कही भी रहते हों इस सामुदायिक सरकार को चुनते हैं। इस सरकार को शिक्षा , भाषा तथा सांस्कृतिक आदि विषयों पर विचार – विमर्श करन तथा फैसलें लेने का अधिकार है।
इस प्रकार के शक्ति विभाजन से वहां पर शासन कार्यकुशल रुप से चलाया जा रहा है।
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