Circulatory System of Human || मनुष्य का परिसंचरण तन्त्र (धमनी सिरा)

आज का पोस्ट Circulatory System of Human || मनुष्य का परिसंचरण तन्त्र (धमनी सिरा) । इस पोस्ट में इसकी व्य़ाख्या सरल व सहज तरीके से की गयी है। मैने अपने सात साल का अऩुभव शेयर किया है।

मनुष्य में परिसंचरण तन्त्र हृदय एवं उससे सम्बन्धित रुधिर वाहिनियों का बना होता है।

मानव हृदय (Human Heart)

स्थिति : मनुष्य का हृदय वक्षगुहा में स्थित होता है। यह एक पतली दोहरी झिल्ली में बन्द रहता है, जिसे हृदयावरण या पेरिकार्डियम कहते हैं। दोनों झिल्लियों के बीच एक तरल पदार्थ भरा होता है। इसे हृदयावरणी द्रव या पेरिकार्डियल द्रव कहते हैं। यह हृदय को बाहरी धक्कों से बचाता है।

Circulatory System of Human
Circulatory System of Human

हृदय की बाह्य रचना (External Structure) (Circulatory System of Human)

मनुष्य का हृदय गहरे लाल रंग की तिकोनी मांसल रचना होती है। इसमें चार वेश्म होते हैं। इसके आगे के चौड़े भाग को अलिन्द (auricle) भाग तथा पीछे के भाग को निलय (ventricle) भाग कहते हैं।

अलिन्द व निलय एक पट (septum) द्वारा दाएँ व बाएँ अलिन्द व निलय (right and left auricle and ventricle) में विभाजित होते हैं। अतः मनुष्य के हृदय में चार वेश्म (chambers) होते हैं। दो अलिन्द व दो निलय। दो अग्र महाशिराएँ शरीर के अगले भाग से तथा एक पश्च महाशिरा शरीर के पिछले भाग से अशुद्ध रुधिर (blood) लाकर दाएँ अलिन्द (right auricle) में खुलती है। बाएँ अलिन्द (left auricle) में पल्मोनरी शिराएँ खुलती है जो फेफड़ों से शुद्ध रुधिर लाती है। इस प्रकार दाएं अलिन्द में अशुद्ध रुधिर और बाएँ अलिन्द में शुद्ध रुधिर एकत्रित होता है।

दाएँ मिलय से एक मोटी नलिका पल्मोनरी आयोर्टा या महाधमनी (pulmonary aorta) निकलती है।

यह शोध दो इल्मोनरी या फुफ्फुस धमनियों में बंट जाती है और अशुद्ध रुधिर को ऑक्सीकृत करने के लिए फेफड़ों में ले जाती है। बाएँ अलिन्द से दैहिक महाधमनी (carotico-systemic aorta) नामक एक मोटी नलिका निकलती है। महाधमनी शुद्ध रुचिर को शरीर के विभिन्न भागों को ले जाती है।

आन्तरिक संरचना (Internal Structure) Circulatory System of Human

हृदय की आन्तरिक रचना में चारों वेश्म स्याह दिखाई देते हैं। दाएँ अलिन्द में तीन छिद्र होते हैं जिनके द्वारा अग्र तथा पश्च महातिराएँ (pre and post canals) खुलती है।

इन छिद्रों के बीच एक कपाट और एक नोड (node) होता है। नोड से हृदय की धड़कन का संचालन होता है। बाएँ अलिन्द में एक तिरछा छिद्र होता है, जिसके द्वारा पल्मोनरी शिरा खुलती है। दायाँ अलिन्द अपने नीचे दाएँ निलय में एक अलिन्द-निलय छिद्र (auriculo-ventricular aperture) द्वारा खुलता है।

मनुष्य का परिसंचरण तन्त्र 

इस छिद्र पर एक द्वि वलन (tricuspid) कपाट लगा होता है जो निलय की और लटका रहता है। यह कपाट महीन तन्तुओं से निलय को भीतरी सतह से जुड़ा रहता है।

नीचे बाएँ निलय में छिद्र द्वारा खुलता है। इस छिद्र पर एक द्विवलन (bicuspid) कपाट लगा होता है जो निलय में खुलता है।

रुधिर वाहिनियाँ (Blood Vessels)

  1. धमनियाँ: हृदय से रुधिर धमनियों द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाया जाता है। धमनियों की दीवार मोटी व लचीली होती है। इनके अन्दर रुधिर झटके के साथ बहता है।
  2. इनकी गुहा में कपाट नहीं होते। अंगों के अन्दर पहुँचकर धमनियों धनिकाओं (arterioles) में बेट जाती है। इनकी दीवार केशिकाओं के समान पतली होती है। घमनिकाएँ पुनः विभाजित होकर कशिकाएँ (capillaries) चनाती है।
  3. केशिकाएँ: केशिकाओं को दीवार एककोशिकीय स्तर की बनी होती है और ऊतक कोशिकाओं के सम्पर्क में रहती है। फेशिकाओं के रुधिर ऊतक द्रव एवं ऊतक कोशिकाओं के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है।
  4. शिराएँ: ऊतक में बहुत मी केशिकाओं के जुड़ने से शिराएँ बनती हैं। ये ऊतक से रुधिर को हृदय में वापस पहुंचाती है। इनको दीवार पतली होती है और इनकी गुहा में कपाट (valves) होते है। इनमें रुचिर का बहाव हृदय की ओर तथा समान गति से होता है।

धमनी व सिरा में क्या अन्तर होता है?

धमनी तथा शिरा में अन्तर

क्र० सं० धमनी (Artery) शिरा (Vein)
1 धमनियाँ रुधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाती हैं। शिरायें शरीर के विभिन्न अंगों से रुधिर को हृदय की ओर ले जाती हैं।
2 धमनियों की भित्ति मोटी, लचीली ती है। शिराओं की भित्ति पतली होती है।
3 धमनियों में पेशी स्तर मोटा होता है। शिराओं में पेशी स्तर पतला होता है।
4 धमनियों में कपाट नहीं होते। शिराओं में कपाट होते हैं जो रुधिर को हृदय की ओर बहने देते हैं।
5 धमनियों में रुधिर अत्यधिक दबाव में बहता है। रुधिर बहता है।
6 धमनियों में अधिकतर ऑक्सीकृत शिराओं में रुधिर बहुत कम दबाव के साथ बहता है।
7 धमनियाँ शरीर में गहराई में स्थित होती हैं। शिराओं में अधिकतर अनॉक्सीकृत रुधिर बहता है। शिराएँ त्वचा के समीप स्थित होती हैं।

आज का यह पोस्ट Circulatory System of Human मनुष्य का परिसंचरण तन्त्र (धमनी सिरा) कैसा लगा कमेन्ट करके जरुर बताइयेगा।

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