वीरगाथा-काल-भक्तिकाल-तिथिक्रम

1. तिथियाँ ईसवी सन् में हैं
2. अनुमानित तिथि
3. कोष्ठक में लेखक की प्रमुख रचनाओं का उल्लेख है। आगे दी हुई तिथियाँ प्रथम प्रकाशन का संकेत देती है। प्रथम प्रकाशन कभी पत्र- पत्रिकाओं में है तो कभी पुस्तककार ।

4. विक्रमी संवत् से ईसवी सन् में परिवर्तन करते समय कभी – कभी एक वर्ष का अंतर हो सकता है।

वीरगाथा – कालः 1000 -1350

        अमीर खुसरोः-    1253 – 1325 
         चंद बरदाईः-     रचनाकाल 1343 के  आस – आप 
         विद्यापतिः – 1350 – 1450

भक्तिकालः – 1350 – 1650

कबीर – 1400 – 1520
सूरदास – 1479 – 1582
जायसी – 1492 – 1542
, मीराबाई – 1498 – 1562
तुलसीदास – 1532 – 1623
रहीम –       1556 – 1626

रीतिकालः – 1650 – 1850

केशवदास – 1555 – 1617
बिहारी – 1595 – 1663 
भूषण – 1613 – 1715
मतिराम – 1617 – 1693 
सेनापति  – रचनाकाल- 1650 के आसपास 
देव – 1673 – 1767 
मिर्जा खाँ – ब्रजभाषा व्याकरण का रचनाकाल – 1676
घनआनंद – 1689 – 1757
भिखारीदास – रचनाकाल – 1750 के आसपास 
पद्याकर – 1753 – 1833

फोर्ट विलियम कॉलेज ( कलकत्ता ) की स्थापना 1800

हिन्दू कॉलेज – 1817

ब्रम्हा समाज – 1828
प्रार्थना समाज – 1867 
आर्य समाज – 1875
 स्वामी दयानंद के हिन्दी ग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ का प्रकाशन – 1875 
रामकृष्ण परमहंस – 1836 – 1886
स्वामी विवेकानंद – 1836 – 1902
विवेकानंद की शिकागो वत्कृता – 1893 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना – 1885
महात्मा गाँधी – 1869 – 1948 
रबीन्द्रनाथ ठाकुर – 1861 – 1941 
‘उदंत मार्तण्ड – हिन्दी का पहला समाचार – पत्र – 1826 
में कलकात्ता से प्रकाशनारंभ, संपादक – युगुल किशोर शुक्ल

आधुनिक काल : 1850

राजा शिव प्रसाद ‘सितारे हिन्द ’ 1823-1895
    (विविध शैक्षणिक तथा मनोरंजक विषयों पर लेखन –

मानवधर्म सार, सिक्खों का उदय और अस्त: 1852,
भूगोल हस्तामल : 1855, वीरसिंह का वृतांत : 1855,
वामामन रंजन: 1856, इतिहास तिमिरनाशक : 1864
गुटका : 1870, ‘बनारस अखबार का संपादन – प्रकाशन

राजा लक्ष्मण सिंह : 1826-1896
         (कालिदास के अनुवाद –
  शंकुतला नाटक : 1862:
               ब्रजभाषा काव्य में अनुवाद , संपादन – 
‘ प्रजाहितैषी)।

भारतेन्दु युग : 1870-1900
                           (1870 के  आस – पास भारतेन्दु की आरंभिक रचनाएँ
                            प्रकाशित होती है। फिर ‘ कालचक्र’ नामक अपनी पुस्तक
में भारतेन्दु ने जर्नल – शैली में नोट किया : ‘ हिन्दी नयी
चाल में ढली , सन्  1873 ई0)

भारतेन्दु हरिश्चन्द्रः 1850 – 1885 
( नाटक – विद्यासुंदर -1868 , रत्नावली- 1868, कर्पूर मंजरी- 1876,
मुद्राराक्षस- 1875-76,  श्रीचंद्रवली-1876, भारदुर्दशा- 1876, अंधेर नगरी-1881
दुर्लभ बंधु- 1880, सत्य हरिश्चंद-1876,
उपन्यास –  पूर्ण प्रकाश चंद्रप्रभा, एक कहानी कुछ आप बीतीऔर कुछ
बीती और कुछ जगबीती ( अपूर्ण ) आलोचना – नाटक1883
कविता – मुख्यतः ब्रजभाषा में कवित्त, सवैया, पद और कुछ रचनाएँ
खड़ी बोली में इतिहास – जर्नल कालचक्र ) 

बालकृष्ण भट्ट – 1844 – 1914 
( नाटक – कलिराज की सभा, रेल का विकट खेल
दमयंती स्वयंवर- 1892 उपन्यास- नूतन ब्रम्हाचारी- 1886,
सौ अजान एक सुजान – 1890 निबन्ध – निबंधों में मिलता है समीक्षा-
                           सच्ची समालोचना-1886
लाला श्रीनिवासदास के नाटक ‘संयोगिता स्वयंवर’ की अपने पत्र ‘हिन्दी प्रदीप’ में समीक्षा,
जहाँ से हिन्दी में व्यावहारिक पुस्तक – समीक्षा का आरंभ माना जाता है )

लाला श्रीनिवासदास – 1851 – 1887
                       ( नाटक – प्रहलाद चरित्र, तप्तासंवर – 1874, रणधीर प्रेममोहिनी – 1877, संयोगिता स्वयंवर – 1885
उपन्यास – परीक्षागुरू – 1882 ) 

बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघनः-  1855 -1922

           ( नाटक – भारत सौभाग्य – 1889, प्रयाग रामागमन, वारांगना रहस्य, वृध्द विलाप
कविता –2 प्रबंध काव्य- जीर्ण जनपद, अलौकिक लीला तथा स्फुट कविताएँ
समीक्षा – लाला श्रीनिवासदास के नाटक ‘संयोगिता स्वयंवर’
की अपनी पत्रिका ‘आनंद कादंबिनी’ के 21 पृष्ठों में आलोचना -1886,
बाबू गदाधरसिंह के अनुवाद ‘बंगविजेता’ की आलोचना ) 

प्रतापनारायण मिश्र  – 1856 – 1894

( नाटक – भारत दुर्दशा, कलिकौतुक – 1886, संगीत शाकुंतल, हठी,
हमीर, उपन्यास – बंकिम चटर्जी के चार उपन्यासो का अनुवाद निबंध – प्रायः 200
निबंध जो अधिकतर लेखक के अपने पत्र ‘ब्राम्हाण’ में समय-समय पर प्रकाशित हुए
कविता- खड़ी बोली हिंदी, ब्रजभाषा तथा अवधी – बेसवाड़ी में स्फुट काव्य- रचना )

देवकीनंदन खत्री – 1861 – 1913

( उपन्यास-  चंद्रकांता – 1891, नरेन्द्रमोहिनी – 1893, वीरेन्द्रवीर
अथवा कटोरा भर खून – 1895, कुसुमकुमारी – 1894 – 98
चंद्रकांता संतति – 1905, भूतनाथ- 6 भाग 1912)

किशोरी लाल गोस्वामी – 1865 – 1932

(उपन्यास – प्रणयिनी परिणय – 1890, त्रिवेणी – 1890, लवंगलता –  1890,
लीलावती – 1901, तारा – 1902, चपला- 1903, मल्लिकादेवी वा बंग सरोजिनी – 1905,
लखनऊ की कब्र वा शाही महलसरा- 1917, अँगूठी का नगीना-1918
नाटक – मयंक मंजरी माहानाटक – 1891)

द्विवेदी युग – 1900 – 1918 

18 वर्ष की एक – एक साहित्यिक पीढ़ी का क्रम मानते हुए
काल- विभाजन आगे चलता है। 1900 में ‘सरस्वती’ पत्रिका
की स्थापना, महावीर प्रसाद द्विवेदी का मुख्य संपादन- काल –
1903 – 1920)

महावीर प्रसाद द्विवेदी – 1864 – 1938

( ‘सरस्वती’ पत्रिका का संपादन – 1903 – 1920
विविध गद्य – सम्पत्तिशास्त्र – 1908, हिन्दी
महाभारत – 1908, निबंध – रसज्ञ रंजन – 1920,
लेखांजलि – 1928, समालेचना – हिन्दी भाषा की उत्पति
1907, कालिदास की निरंकुशता – 1911, कालिदास और
उनकी कविता 1920, सुकवि संकीर्तन – 1922, साहित्य
संदर्भ – 1924, आलोचनांजलि – 1928, साहित्य सीकर – 1929,
समालोचना – समुच्चय- 1930,

श्रीधर पाठकः – 1860 – 1928 

(गोल्डस्मिथ के अनुवाद –  एकांतवासी योगी – 1886,
ऊजड़ ग्राम – 1889, श्रांत पथिक – 1902,‘ हरमिट’,
‘डेजर्टेड विलेज’ एवं ‘ट्रैवलर’ के काव्य – अनुवाद,
जिसमें से ‘ऊजड़ ग्राम’ ब्रजभाषा में शेष दो खड़ी बोली में
स्फुट कविताएँ – जगत – सचाँई- सार – 1887
सांथ्य -अटन – 1918)

रामनरेश त्रिपाठीः- 1889 – 1962

(काव्य – मिलन- 1917, पथिक-  1920, स्वपन- 1929 तथा स्फुट कविताएँ बाल – साहित्य,
कविता- कौमुदीः कविता- संकलनों की प्रसिध्द माला आलोचना – तुलसीदास और उनकी
कविता

आयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ 1865 -1947

( काव्य – प्रियप्रवास – 1914, वैदेही वनवास,चोखे चौपदे, चुभते चौपदे
नाटक – प्रद्युम्न विजय व्यायोग- 1893, रूक्मिणी परिणय नाटक- 1894,
उपन्यास – ठेठ हिंदी का ठाठ – 1899, अधिखिला फूल – 1907)-

मैथिलीशरण गुप्त – 1886 – 1964

( काव्य – जयद्रथ वध – 1910, भारत भारती – 1912, पंटवटी – 1925,
साकेत- 1932, यशोधरा- 1962, नहुष – 1940, जयभारत – 1952,
विष्णुप्रिया-1957,
अनुवाद – पलासी का युध्द – 1914, मेघनाद वध – 1927,
उमर खैयाम की रूबाइयाँ- 1931)

जगन्नाथ ‘रत्नाकर’ 1866 – 1932 

काव्य – हिंडोला – 1894, समालोचनादर्श – 1919,
अँग्रेजी कवि पोप के ‘ऐसे आन क्रिटिसिज्म’ का रोला
छंद में अनुवाद, गंगावतरण, उद्ववशतक – 1929,
संपादन – बिहारी रत्नाकर – बिहारी सतसई की टीका,
सूरसागर का पाठ – संपादन ( अपूर्ण )

माखन लाल चतुर्वेदी – 1889 – 1968 

( कविता – हिमकिरीटिनी- 1941, हिमतरंगिणी- 1948,
माता – -1951, नाटक – कृष्णार्जुन युध्द- 1918,
गद्य – काव्य – साहित्य देवता – 1943)

बालमुकुंद गुप्तः-1865 – 1907

( निबन्ध – शिवशंभु के चिठ्टे – 1905, चिठ्टे और खतः 1905,
अनुवाद – मडेल भगिनी  1892, -बंगला उपन्यास का अनुवाद,
रत्नावली – 1898- हर्षकृत संस्कृत नाटिका का अनुवाद
समाचार – पत्र संपादन – उर्दू – अखबारे चुनार 1886 – 88,
कोहेनूर – 1888 – 89, हिंदी – हिंदोस्थान – 1889 – 91,
हिन्दी बंगवासी – 1893 – 98, भारतमित्र- 1899-1907)

श्यामसुंदरदास – 1875 – 1945

( आलोचना – साहित्यालोचन- 1922, रूपक सहस्य -1931,
भाषा रहस्य – 1935, जीवनी- हिन्दी कोविद रत्नामाला- पहला भाग – 1909,
दूसरा भाग 1914 आत्मकथा – मेरी आत्मा कहानी – 1941
पत्रिकारिता – ‘सरस्वती’- 1900 – 1902
संपादन – हिन्दी शब्द सागर – 1929, हस्तलिखित ग्रंथों के खोज –
विवरण, रामचरितमानस-1904, पृथ्वीराजरासो – 1904,
कबीर ग्रंथावली – 1928, द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ – 1933)

नागरी प्रचारिणी सभा, काशीः संस्थापित 1893

(संस्थापक – शयामसुंदरदास, रामनारायण मिश्र, शिवकुमार सिंह)

पूर्णसिंह – 1881 – 1931

( स्फुट निबंधो का प्रकाशन ) ।

छायावाद – युगः  – 1918 -1936

( पहले छायावादी काव्य – संकलन जयशंकर प्रसाद के ‘झरना’ का प्रकाशन –
1918, ‘कामायनी’ का लेखन पूर्ण – आमुख की तिथि – 1935 )

जयशंकर प्रसादः – 1889 – 1937

( काव्य – चित्रधार – ब्रजभाषा कविताएँ – 1918,
प्रेमपथिक-ब्रजभाषा रूप 1909, खड़ी बोली – 1914,

कामायनी का पांडुलिपि संस्करण – 1971,
नाटक –  राज्यश्री -1915, अजातशत्रु-1922, स्कंदगुप्त – 1928,
चन्द्रगुत मौर्य – 1931, ध्रुव स्वामिनी – 1933,
उपन्यास – कंकाल 1929, तितली – 1934,
इरावती – अपूर्ण, मरणोत्तर प्रकाशन-1940
कहानी – 5 संकलनों के अंतर्गत अतः 70 कहानीयाँ,
निबंध – काव्य और कला तथा अन्य निबंध –  मरणोत्तर
प्रकाशन 1939 )

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ 1896 – 1961

काव्य – अनामिकाः प्राचीनः – 1923, परिमल- 1929,
अणिमा- 1943, बेला – 1946, नये पत्ते – 1946,
अर्चना- 1950, आराधना- 1953, गीत गुंज – 1954, सांध्य काकली –
मरणोत्तर प्रकाशन – 1969,
उपन्यास – अप्सरा – 1931, अलका -1933, प्रभावती – 1936,
निरूपमा- 1937, चोटी की पकड़- 1946, काले कारनामें – 1950,
कहानी – लिली – 1930, सुकुल की बीबी- 1941,
संस्मरण – रेखाचित्र – कुल्ली भाट – 1939, बिल्लेसुर बकरिहा- 1942,
समीक्षा – रवीद्र कविता कानन, पंत और पल्लव – 1928,)

सुमित्रानंदन पंत – 1900 – 1977

(काव्य
युगांत 1936, युगवाणी – 1939, ग्राम्या- 1940,
स्वर्णकिरण –  1947,
वाणी- 1958, कला और बूढ़ा चाँद – 1959, लोकायतन – 1964,
सत्यकाम – 1975,
नाटक तथा काव्य नाटक –
ज्योत्स्ना – 1934, रजत शिखर – 1952, शिल्पी-1952,
उपन्यास -हार – रचनाका,र – 1916- 17, प्रकाशन – 1960,
कहानी – पांच कहानियां – 1936,  आलोचना – गद्यपथ – 1953,
शिल्प और दर्शन – 1961, छायावाद-पुनर्मूल्यांकन – 1965,
महादेवी वर्मा – 1907 – 1936

( कविता – सांध्यगीत 1936, दीपशिखा – 1942, प्रथम – आयाम -ब्रजभाषा
तथा खड़ी बोली में आरंभिक काव्य- 1984,
रेखाचित्र – संस्मरण – अतीत के चलचित्र -1941,
स्मृति की रेखाएँ – 1943, पथके साथी – 1956,
निबन्ध – श्रृंखला की कड़ियाँ – 1942, क्षणदा- 1956,
आलोचना – साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध –
गंगा प्रसाद पाण्डेय द्वारा संपादित – 1962, )

प्रेमचन्द्रः 1880 – 1936

( उपन्यास – सेवासदन – 1918, वरदान – 1921,
प्रेमाश्रम – 1922, रंगभूमि- 1924, कायाकल्प- 1926,
निर्मला – 1927, प्रतिज्ञा- 1929, गबन- 1931, कर्मभूमि – 1932,
गोदान- 1936, मंगलसूत्र – अपूर्ण – मरणोपरांत प्रकाश – 1948,
कहानी – सप्तसरोज – 1917, मानसोवर – 8 भाग में  प्रायः 300 कहानियाँ
संकलित नाटक – संग्राम – 1923, कर्बला – 1924,
पत्रकारिता – माधुरी – 1928 – 31, हंस – 1930, जागरण – 1932,
आलोचना – साहित्य का उद्देश्य – 1954,)

चंद्रधर शर्मा गुलेरी 1883 – 1922

( कहानी –  सुखमय जीवन – 1911, बुध्द का कांटा,
उसने कहा था – 1915, निबंध – विक्रमोर्वशी की मूल
कथा – 1905, अमंगल के स्थान में मंगल शब्द – 1915,
पत्रकारिता – समालोचक – 1902,)

रामचंद्र शुक्लः – 1884 – 1941

(निबन्ध – चिंतामणि, भाग 1 – 1939, भाग-2 – 1945,
कहानी – ग्यारह वर्ष का समयः ‘सरस्वती’ – 1903,
कविता – मधुस्त्रोतः कविताओं का संकलन- 1971 में
प्रकाशित  आलोचना – गोस्वामी तुलसीदास – 1923,
जायसी ग्रंथवली भूमिका – 1924, भ्रमरगीत सार- 1925,
रस-मीमांसा – 1949, इतिहास – हिंदी साहित्य का इतिहास –
मूल रू ‘हिन्दी शब्द सागर’ की प्रस्तावना रूप में – 1929,
अनुवाद – अंग्रेजी तथा बंगला से काव्य, उपन्यास, आलोचना
विविध ज्ञान विषयक ग्रेथों  का अनुवाद जिसमें प्रमुख हैं –
विश्व प्रपंच- ‘ रिड़्ल आँफद यूनिवर्स’ का अनुवाद -1922,
बुध्दचरित- लाइट आॉफ एशिया’ नामक काव्य का अनुवाद ,
‘काव्यभाषा’ शीर्षक मौलिक भूमिका सहित 1922
संपादन – हिन्दी शब्द सागर – 1929, )

नंददुलारे वाजपेयी – 1906 – 1967

( आलोचना – हिन्दी साहित्य – बीसवीं शताब्दी – 1945,
आधुनिक सहित्य – 1950, नया सहित्य – नए प्रश्न – 1955,
आधुनिक काव्य – रचना और विचार – 1962,

भगवती चरण वर्मा – 1903 – 1981

( उपन्यास – चित्रलेखा – 1934, तीन वर्ष – 1936,
टेढे़ – मेढ़े रास्ते – 1946, अपने खिलौने – 1957, भूले बिसरे चित्र – 1959,
सामर्थ्म और सीमा – 1962, रेखा – 1964, सबहि नचावत राम गोसाई – 1970,
कहानी – इंस्टालमेंट – 1936, दो बांके 1938,
कविता – प्रेम संगीत – 1936, मानव – 1940)

अगले पाेस्ट में और सारी जानकारी उपलब्ध करवायेंगे ताकि आपको अधिक से अधिक सहयोग मिल सके

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