148+ लोकोक्तियाँ व पीडीएफ in hindi
उत्तर प्रदेश व देश की ज्यादातर परीक्षाओं में हिन्दी विषय भी सम्मिलित रहता है। ऐसे में हिन्दी व्याकरण के अन्तर्गत मुहावरे और लोकोक्तियों का भी महत्व होता है। परीक्षाओं में लोकोक्तियों से प्रश्न बनते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर आपके लिये इस पोस्ट में बहुत सारी लोकोक्तियां प्रस्तुत कर रहे हैं। आखिरी लाइन तक पढ़ें और डाउनलोड भी कर सकते है।

| 1. | किताब का कीड़ा होना | अधिक पढ़ने वाला |
| 2. | कुत्ते की चाल जाना,बिल्ली का चाल आना | बहुत जल्द जाना-आना |
| 3. | कुम्हड़े की बतिय | कोमल और अशक्त व्यक्ति |
| 4. | कुल्हिया में गुड़ फोड़ना | छिपाकर काम करना |
| 5. | कूच कर जाना | प्रस्थान कर जाना |
| 6. | कूप मण्डूक | संकुचित ज्ञान |
| 7. | कीचड़ उछालना | बदनाम करना |
| 8. | कौड़ी के मोल बिकना | बेकार |
| 9. | कुआँ खोदकर पानी पीना | जीवित हेतु श्रम करना |
| 10 | कुएँक में बाँस डालना | बहुत खोज करना |
| 11. | कलेजा दूना होना | साहस बढ़ना |
| 12. | कलेजा थामकर बैठना | धैर्य के साथ बैठना |
| 13. | काँटों पर लोटना | दु:ख से लड़ना |
| 14. | कानों कान खबर न होना | किसी को जानकारी न होना |
| 15. | कारूँ का खजाना | कुबेर का कोष/अतुल धनराशि |
| 16. | काशी करवट लेना | कठोर से कठोर दु:ख सहना |
| 17. | काठ की पुतली होना | शक्तिहीन होना |
| 18. | कान खड़े होना | भयभीत होना/चौकन्ना होना |
| 19. | कैफियत तलब करना | कारण पूछना |
Lokoktiya And PDF Download in hindi |
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| 20. | काले के आगे दिया नहीं जलता | बलवान के आगे किसी का वश नहीं चलता |
| 21. | कोढ़ी डरावे थूक से | निर्बल, थोथे आचरण से दूसरों को डराते है |
| 23. | कोठी बैठना | दिवाना निकलना |
| 24. | खरी मजूरी चोखा काम | उचित परिश्रमिक से ही अच्छा काम होता है |
| 25. | खाक में मिलाना | नष्ट कर देना |
| 26. | खेल बिगाड़ना | काम बिगाड़ना |
| 27. | खड़िया में कोयल | बेमेल मिश्रण |
| 28. | खबर लेना | दण्ड देना/देखभाल करना |
| 29. | खेत रहना | लड़ाई में मारा जाना |
| 30. | खाक उड़ाते फिरना | भटकना |
| 31. | खुगीर की भर्ती | व्यर्थ पदार्थो का संग्रह |
| 32. | खुशामदी टट्टू होना | चापलूस करना |
| 34. | खाना का घर | अपना घर /सहज घर |
| 35. | खुला खेल फर्रूखाबादी | निष्कपट व्यवहार |
| 36. | खिल्लियाँ उड़ाना | उपहास करना |
| 37. | ख्याली पूलाव पकाना | मनमानी कल्पना करना |
| 38. | खटाई में पड़ना | व्यवधान आ जाना |
| 39. | खरी खोटी सुनाना | डाँटना फटकाना |
| 40. | खिचड़ी पकाना | आन्तरिक षड्यन्त्र रचना |
| 41. | खाक छानना | भटकते रहना |
| 42. | गुदड़ी का लाल | दीनता में अभ्युन्नति करने वाला |
| 43. | गाल फुलाना | रूठना/नाराज होना |
| 44. | गुड़ खाय गुलगुला से परहेज | मिथ्या स्वांग रचना |
| 45. | गाजर मूली समझना | महत्वहीन समझना |
| 46. | गले का हार होना | अत्यन्त प्रिय होना |
| 47. | गड़े मुर्दे उखाड़ना | निरर्थक पुरानी बातों को उद्घाटित करना |
| 48. | गज भर की छाती होना | गर्व महसूस करना |
| 49. | गढ़ फतह करना | बहुत कठिन काम करना |
| 50. | गति पाना | मोक्ष पाना |
Upsssc ke liye Muhavre Aur Lokoktiyt PDF in Hindi |
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| 51. | गति होना | किसी विषय की जानकारी होना |
| 52. | गर्दन पर छुरी फेरना | हानि पहुँचाना |
| 53 | गंगा नहाना | कठिन कार्य पूरा होना |
| .54. | गोबर गणेश | बेवकूफ |
| 55. | गागर में सागर भरना | थोड़े में ही सबकुछ कह देना |
| 56. | गिन-गिन कर दिन काटना | परेशानी में जीवन बिताना |
| 57. | गुल खिलाना | कोई बखेड़ा खड़ा करना |
| 58. | गूलर का की़ड़ा | अल्पज्ञ व्यक्ति |
| 59. | गाढ़े की नाव | संकट के समय का सहायक |
| 60. | गाढ़े की साथी | संकट काल में सहायता करने वाला |
| 61. | गरम होना | नाराज होना |
| 62. | गर्दन फँसाना | परेशानी में पड़ना |
| 63. | गुस्सा पीना | क्रोध न करना |
| 64. | गाँठ बाँधना | हमेशा याद रखना |
| 65. | गहरा हाथ मारना | अच्छी वस्तु प्राप्त करना |
| 66. | गोटी बैठना | युक्ति सफल होना |
| 67. | गूँगे का गुड़ | अकथनीय अनुभव/आनन्द |
| 68. | गोल-माल करना | गड़बड़ करना |
| 69. | गयी माँगने पूत खो आई भरतार | थोड़े के चक्कर में अधिक नुकसान |
| 70. | गरीब की जोरु सबकी भौजाई | कमजो से सब लाभ उठाते है |
| 71. | गरीब की हाय बुरी होती है | गरीब को सताना बहुत बुरा होता है |
| 72. | गोद में बैठकर आँख में उँगली | भलाई के बदले बुराई |
| 73. | गागर में अनाज, गँवार का राज | मूर्ख थोड़े में इतरा जाते है |
| 74. | गोद में छोरा शहर में ढ़िढोरा | पास में रही वस्तु की दूर तक तलाश |
| 75. | गौ का यार | स्वार्थी |
| 76. | गूरू किजै जान,पानी पीजै छान | जानकारी प्राप्त कर ही कोई काम करना |
| 77. | घर फूँक तमाशा देखना | अपना नूकसान करके मौज उड़ाना |
| 78. | घोड़े के आगे गाड़ी रखना | विपरित कार्य करना |
| 79. | घिग्घी बँधना | स्पष्ट बोल न सकना |
| 80 | घूँघट की लाज | आत्म-सम्मान की सुरक्षा करना |
| 81. | घाट-घाट की पानी पीना | बहुत अनुभवी होना |
| 82. | घाव हरा होना | कष्ट का पु:न प्रादुर्भाव |
| 83. | घर में गंगा बहना | अच्छी चीज पास में मिल जाना |
| 84. | घी-दूध की नदियाँ बहना | अत्यन्त सम्पन्न होना |
| 85. | घोड़े पर चढ़े आना | उतावली में आना |
| 86. | घोड़े पर सवार होना | लौटने की जल्दी में |
| 87. | घुटने टेक देना | हार मान लेना |
| 88. | घड़ो पानी पड़ना | अत्यन्त लज्जित होना |
| 89. | घर में नही दाने , अम्मा चली भुनाने | बहुत कुछ होने का ढ़ोग रचना |
| 90. | घात लगाना | अवसर तलाशना |
| 91. | घर घाट एक करना | कठिल परिश्रम करना |
| 92. | घर-घर मटियारे चूल्हे | प्रत्येक व्यक्ति को कोई-न-कोई कष्ट |
| 93. | घर करना | पूरी तरह रच बन जाना |
| 94. | घायल की गति घायल जाने | दुख को सहने वाला ही दूसरों के दुख जानता है |
| 95. | घर की मूर्गी दाल बराबर | अपने घर में गुणी व्यक्ति को कम सम्मान मिलता है |
| 96. | घर खीर तो बाहर भी खीर | अपना घर सम्पन्न हो, तो बाहर भी सम्मान मिलता है |
| 97. | चण्डुखाने की गप | असत्य बात |
| 98. | चबाये कौर को चबाना | पुरानी गातों को दुहराना |
| 99. | चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना | भयभीत होना/दोषारोपण से दब जाना |
| 100. | चादर से बाहर पैर पसारना | आय से अधिक व्यय करना |
यूपी एस एस एस सी मुहावरा व लोकोक्ति PDF in Hindi |
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| 101. | चैन की बंशी बजाना | सुखमय जीवन व्यतीत करना |
| 102. | चोर-चोर मौसेरे भाई | एक ही स्वभाव के लोग |
| 103. | चोली दामन का साथ | परस्पर गहरा प्रेम |
| 104. | चार-चाँद लगना | शोभा में वृद्धी |
| 105. | चूड़ियाँ पहनना | कायर होना |
| 106. | चिड़िया उड़ जाना | अभीष्ट व्यक्ति /वस्तु का न मिलना |
| 107. | चिड़िया का दूध | अप्राप्य वस्तु/ऐसी वस्तु जिसका अस्तित्व न हो |
| 108. | चिकना घड़ा होना | निर्लज्ज होना |
| 109. | चाँदी कटना | खूब लाभ होना |
| 11. | चाँदी का चश्मा लगाना | रिश्वत लेकर किसी का काम करना |
| 111. | चाँदी का जूता मारना | धन का लालच देना |
| 112. | चाँद पर थूकना | निर्दोष को कलंकित करना |
| 113. | चम्पत होना | भाग जाना |
| 114. | चुल्लू- चुल्लू सादेगा,दुआरे हाथी बाँधेगा | थोड़े-थोड़े इकट्ठा करके धनी होना |
| 115. | चुपड़ी और दो-दो | दोहरा लाभ |
| 116. | चूल्लू में उल्लू होना | बहुत थोड़ी-सी भाँग या शराब पीने से बेसुध हो जाना |
| 117. | चूँ-चूँ का मूरब्बा | तरह-तरह की बेमेल |
| 118. | चौकड़ी भूलना | घबरा जाना |
| 119. | चौमुखा दीया जलाना | दिवालिया बनना |
| 120. | चील के घोसले में मांस कहाँ | जहाँ कुछ भी बचने की सम्भावना न हो |
| 121. | चोर लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले | ताकतवार आदमी से दो लोग भी हार जाते है |
| 122. | चन्दन की चुटकी भली,गाड़ी भरा न काठ | अच्छी वस्तु कम होने पर भी वहुमूल्य होती है, जबकि मामूली चीज अधिक होकर भी कोई कीमत नहीं रखती |
| 123. | छठी का राजा | पुराना रईस |
| 124. | छठी में न पड़ना | भाग्य में न होना |
| 125. | छत्तीस बनना | विरक्त/विरोधी होना |
| 126. | छूछी हाँड़ी बाजे टन-टन | हल्के व्यक्ति के खोखलेपन का खिलासा |
| 127. | छँटाक चून चौबारे रसोई | केवल दिखावा |
| 128. | छप्पर पर फूस नहीं ड्योढ़ी पर नाच | दिखावटी ठा-बाट,जबकि वास्तविकता कुछ नहीं |
| 129. | छछूँदर के सिर पर चमेली का तेल | अयोग्य के पास योग्य वस्तु का होना |
| 130. | छाती दुना होना | बहुत ही उत्साहित होना |
| 131. | छाती पर पत्थर रखना | शान्त भाव से कष्ट सह लेना |
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| 132. | छुपा रूस्तम | समान्य लक्षित , किन्तु असाधारण |
| 133.. | छू मन्तर होना | गायब हो जाना |
| 134. | छाती पर सांप लोटना | ईर्ष्या होना |
| 135. | छाँह बचाना | निकट न जाना |
| 136. | जहर का घूँट पीना | असहज स्थिति को भी सहन करना |
| 137. | जल में रहे मगर से बैर | सहारा देने वाले से ही दुश्मनी मोल लेना |
| 138. | जन्म भरना | दुखपूर्वक जीवन व्यतीत करना |
| 139. | जने-जने की लकड़ी एक जने का बोझ | सभी के प्रयत्न से कार्य पूरा होता है |
| 140. | जर है तो नर,नहीं तो खँडहर | धन से आदमी की इज्जत है |
| 141. | जब नाचने निकली तो घूँघट क्या | काम करने में लीज क्या |
| 142. | जैसे देवता वैसी पूजा | यथायोग्य वर्ताव |
| 143. | जहाँ देखे तवा परात, वहाँ गुजारे सारी रात | जहाँ मिलने की कुछ आशा होती है, वहाँ लालची व्यक्ति रूक जाता है |
| 144. | जाए लाख रहे साख | धन भले ही लग जाए, इज्जत बचानी चाहिए |
| 145. | जिसके हाथ ड़ोई,उसका सब कोई | धनी व्यक्ति के सव मित्र होते है |
| 146. | जमीन आसमान एक करना | कोई भी उपाय न छोड़ना |
| 147. | जी जान से खेलना | जीवन की परवाह न करना |
| 148. | जी नहीं भरना | सन्तोष नहीं होना |
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