What Is The Modem And Explain Its Types

What is the Modem

मॉडेम (Modem) डाटा संचार में प्रयोग किये जाने वाला सबसे ज्यादा प्रचलित इण्टरफेस हैं। यह मॉड्यूलेटर (Modulator)- डिमॉड्यूलेटर (Demodulator) का संक्षिप्त रुप हैं।

मॉडेम (Modem) एनलॉग सिग्नल्स को डिजिटल सिग्नल्स में तथा डिजिटल सिग्नल्स को एनालॉग सिग्नल्स में बदलता हैं। मॉडेम को सदैव टेलीफोन लाइन तथा कम्प्यूटर के मध्य लगाया जाता हैं। डिजिटल सिग्नल्स को एनालॉग सिग्नल्स में बदलने की प्रक्रिया को मॉड्सयूलेशन तथा एनालॉग सिग्नल्स को डिजिटल सिग्नल्स में बदलने की प्रक्रिया को डिमॉड्यूलेशन कहते हैं ।

How many types of Modem

 

मॉडम के मूल रुप से चार प्रकार के होते हैं।

  1. बाह्म मॉडेम 
  2. आन्तरिक मॉडेम 
  3. पीसी कार्ड 
  4. वायरलेस मॉडेम 

बाह्म मॉडेम (External Modem)

यह साधारण प्रकार के मॉडेम होता हैं जो कम्प्यूटर में स्थित न होकर, अलग से डिवाइस के रुप में होता हैं। बाह्म मॉडेम कम्प्यूटर के सीरियल पोर्ट में एक केबल द्वारा जोड़ा जाता है, इसमें स्वयं की पॉवर सप्लाई होती हैं।
आन्तरिक मॉडेम (Internal Modem) यह कम्प्यूटर के आन्तरिक भाग में इन्सटॉल रहता हैं। जब किसी प्रोग्राम को रन किया जाता हैं, तो आन्तरिक मॉडेम अपने आप एक्टिवेट हो जाता हैं तथा जब प्रोग्राम से बाहर निकलते हैं (Exit करते हैं), तो आन्तरिक मॉडेम अपने आप ऑफ (OFF) हो जाता हैं।

पीसी कार्ड मॉडेम (PC Card Modem)

इस प्रकार के मॉडेम को पोर्टेबल कम्प्यूटर (जैसे लैपटॉप) के लिए डिडाइन किया गया हैं। पीसी मॉडेम बाह्म तथा आन्तरिक मॉडेम का संयोजन (Combination) होता हैं।

वायरलैस मॉडेम Wireless Modem

यह मॉडेम बाह्म मॉडेम आन्तरिक मॉडेम बाह्म तथा आन्तरिक मॉडेम या पीसी मॉडेम, किसी भी प्रकार का हो सकता हैं। अन्य सभी  मॉडेमों को  पीसी से जोड़ने के लिए तार की आवश्यकता होती हैं, परन्तु वायरलैस मॉडेम बिना किसी तार के सिग्नलों (संकेतो) को भेजता तथा प्राप्त करता हैं।

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मॉड्यूलेशन Modulation

डिजिटल सिग्नलों को संचार के माध्यमों पर भेजने के लिए एनालॉग सिग्नलों में बदलने की प्रक्रिया को मॉड्यूलेशन कहते हैं। मॉड्यूलेशन आमतौर पर विद्युत चुम्बकीय संकेतो में प्रयोग किया जाता हैं, जैसे रेडियों, लेजर/ ऑप्टिक तथा कम्प्यूटर नेटवर्क आदि ।
मॉड्यूलेशन का मुख्य उद्देश्य बिट स्ट्रीम को एक अनुरुप चैनल में स्थानान्तरण करना हैं। मॉड्यूलेशन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं ।

आयाम मॉड्यूलेशन Amplitude Modulation

20वीं शाताब्दी की शुरुआत में आयाम मॉड्यूलेशन विकसित किया गया था। यह रेडियों द्वारा वॉयस संचारित (Transmit) करने के लिए प्रयोग की जाने वाली सबसे शुरूआती मॉड्यूलेशन तकनीक थी। इस प्रकार की मॉड्यूलेशन तकनीक का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक संचार में किया जाता हैं। इस मॉड्यूलेशन में, वाहक सिग्नल (Carrier signal)  का आयाम सन्देश संकेत के अनुसार भिन्न होता हैं और चरण (Phase) व आवृत्ति (Frequency) जैसे अन्य कारक स्थिर रहते हैं।
मॉड्यूलेटेड सिग्नल को उपरोक्त चित्र में दिए गए आँकडों में दिखाया गया हैं और इसके स्पेकट्रम में कम आवृत्ति बैण्ड, ज्यादा आवृत्ति बैण्ड घटक शामिल हैं। इस प्रकार के मॉड्यूलेशन के लिए अधिक पावर औऱ अधिक बैण्डविड्थ की आवश्यकता होती हैं। कम्प्यूटर मॉडेम, VHF विमान रेडियों और पोर्टेबल टू- वे रेडियों में आयाम मॉड्यलूशेन का उपयोग किया जाता हैं।

आवृत्ति मॉड्यूलेशन Frequency Modulation

इस प्रकार के मॉड्यूलेशन में, वाहक सिग्नल की आवृत्ति सन्देश सिग्नल के अनुसार भिन्न होती हैं और आयाम व चरण जैसे अन्य पैरामीटर स्थिर रहेते हैं। आवृत्ति मॉड्यूलेशन का उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे रडार, रेडियों और टेलीमेट्री, भूकम्प पूर्वेक्षण में किया जाता हैं।
इस प्रकार के मॉड्यूलेशन का उपयोग आमतौर पर संगीत औऱ भाषण, चुम्बकीय टेप रिकॉर्डिग सिस्टम, टू-वे रेडियों सिस्टम और वीडियों ट्रांसमिशन सिस्टम के प्रसारण के लिए  किया जाता हैं। जब रेडियों सिस्टम में शोर स्वाभाविक रुप से होता हैं, तो पर्याप्त (Cancel) करने में लाभ प्रदान करता हैं।

चरण मॉड्यूलेशन Phase Modulation

इस प्रकार के मॉड्यूलेशन में, वाहक सिग्नल का चरण (Phase), सन्देश सिग्नल के अनुसार बदलता रहता हैं । जब संकेत का चरण बदल दिया जाता हैं, तो यह आवृत्ति को प्राभावित करता हैं। इस कारण से, यह मॉड्यूलेशन के अन्तर्गत आता हैं।
आमतौर पर, चरण मॉड्यूलेशन का उपयोग तरंगो का प्रसारित करने के लिए किया जाता हैं। यह कई डिजिटल ट्रांसमिशन कोडिंग योजनाओं का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो GSM, Wi-fi और सेटेलाइट टेलीविजन जैसी कई तकनीकों को रेखाकिंत करता हैं। इस प्रकार के मॉड्यूलेशन का प्रयोग अल सिंथेसाइजर (al synthesizers)  में सिग्नल जनरेशन के लिए किया जाता हैं।

डिमॉड्यूलेशन  Demodulation

एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करने की क्रिया डिमॉड्यूलेशन कहलाती हैं। डिमॉड्यूलेशन एक मॉड्यूलेट डिवाइस से वास्तविक जानकारी प्राप्त करने वाली प्रणाली हैं। एक डिमॉड्यूलेटर ऐसा इलेक्ट्रानिक सर्किट होता हैं, जो किसी डाटा को रिकवर (Recover) करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। डिमॉड्यूलेशन सबसे पहले रेडियों रिसीवर प्रयोग किया गया था।

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